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The Ultimate Guide To baglamukhi

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जपित्वा मन्त्रराजं तु ध्यात्वा श्री बगलामुखीम्‌॥ १९ ॥ माहेशी दक्षिणे पातु चामुण्डा राक्षसेऽवतु। ऊँ मध्ये सुधाब्धिमणिमण्डपरत्नवेदीं, सिंहासनोपरिगतां परिपीतवर्णाम्। वन्ध्यायां जायते पुत्रो विद्याबलसमन्वितः॥ २७ ॥ मक्खन से इस कवच को अभिमंत्रित करके बंध्या स्त्री को खिलाने से, वह पुत्रवती हो जाती है। Believe in in her energy, and view as she https://wardw863oru5.prublogger.com/30061710/the-greatest-guide-to-baglamukhi

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